पत्रकार ‘निर्धन’ होते हैं, जेब में ‘पैसे’ नहीं होते हैं डॉ हर्षवर्धन जी – आप तो अधिक जानते हैं; इसलिए सीजीएचएस योजना को ‘कैश-लेस’ कर दें 

केन्द्रीय स्वास्थ मन्त्री डॉ हर्षवर्धन
केन्द्रीय स्वास्थ मन्त्री डॉ हर्षवर्धन

दिल्ली पत्रकार संघ ने केन्द्रीय स्वास्थ मन्त्री डॉ हर्षवर्धन से भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए “कैश-लेस” स्वास्थ-सुविधा हेतु मांग किया है।

पत्रकारों की आर्थिक-स्थिति को मद्दे नजर रखते संघ ने सरकार से गुजारिश किया है कि वर्तमान में पत्रकारों की स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वे अस्पतालों की आर्थिक-भार को वहन कर सकें। 

डॉ हर्षवर्धन को लिखे पत्र में संघ के अध्यक्ष मनोहर सिंह ने कहा है कि “विदित हो की दिल्ली सहित भारत के विभिन्न राज्यों में पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के मान्यता प्राप्त पत्रकार अपने-अपने क्षेत्र में सेवा कर रहे हैं। केंद्र सरकार के सहयोग से विगत वर्षों से ये सभी मान्यता प्राप्त पत्रकार केन्द्रीय स्वास्थ और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा केंद्रीय सरकार स्वस्थ योजना (सीजीएचएस) सुविधा का लाभ उठा रहे हैं, जिसमे सरकार की ओर से लाभार्थ सुविधाएँ दी गयी हैं. ताकि उनपर अधिकाधिक मौद्रिक भार नहीं पड़े।”

संघ ने आगे लिखा है कि  “कोविड – 19 महामारी से उत्पन्न संकट की स्थिति में बहुत से पत्रकारों के परिवारों की आर्थिक स्थिति टूट रही है। किसी विपदा के क्षण में इस समय कई बार पत्रकारों की जेब में उतने भी पैसे नहीं रहते, जिससे वे अपनी और अपने परिवार के किसी सदस्य की समय पर चिकित्सा करवा सकें।  संकट के इस काल में उन्हें कहीं से मदद मिलना भी मुस्किल हो गया है। “

मनोहर सिंह के साथ संघ के महासचिव अमलेश राजू भी पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं और मंत्री से मांग किये हैं कि:

एक – सीजीएचएस योजना के तहत आने वाले मान्यता प्राप्त पत्रकारों/उनके परिवार के सदस्यों के लिए, अस्पताल में दाखिले की नौबत आने पर इसकी सुविधा को “पे लेस” किया जाय अथवा इसमें यथासंभव न्यूनतम से न्यूनतम आर्थिक भार डाला जाय। 

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दो – इस योजना में कोविड -19 , गुर्दा, यकृत और कैंसर जैसी बिमारियों के इलाज में जरुरी सब प्रकार की जांच को भी पैनल में रखा जाय। 

तीन – सीजीएचएस सुविध प्राप्त पत्रकार की मृत्यु की स्थिति में उसके जीवन साथी को इस योजना का संरक्षण जारी रखा जाय। 

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