नई दिल्ली : हर घर तिरंगा अभियान पूरी दुनिया के लिए एक संदेश है कि भारत का हर नागरिक हमारे संविधान निर्माताओं की कल्पना और अपेक्षाओं के अनुसार भारत की समृद्धि, सुरक्षा और संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए एकजुट होकर काम कर रहा है, साथ ही, इसी तिरंगे की कसम खाकर सीमा पर देश का जवान अपना सर्वस्व अर्पण कर देता है, इसी तिरंगे को देखकर देश के करोड़ों किसान पूरी दुनिया का पेट भरने के लिए पुरुषार्थ करते हैं, ये तिरंगा ही है जो देशवासियों के दिल में देश का निशान बनकर प्रस्थापित हुआ है। आजादी के अमृत महोत्सव का यह वर्ष भारत को हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनाने का संकल्प लेने का वर्ष है और अगर 2047 तक करोड़ों भारतीय एकजुट होकर इन सभी संकल्पों को पूरा करते है तो भारत माता पुन: निश्चित रूप से विश्वगुरु के स्थान पर विराजमान होंगी।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में तिरंगे की अभिकल्पना करने वाले पिंगलि वेंकय्या जी की जयंती पर आयोजित ‘तिरंगा उत्सव’ कार्यक्रम को सम्बोधित करते कहा कि तिरंगे की अभिकल्पना करने वाले पिंगलि वेंकय्या जी ने गांधी जी और लोकमान्य तिलक के सिद्धांतों पर चलकर बिना किसी स्वार्थ के एक मूक राष्ट्र सेवक की तरह अपना पूरा जीवन राष्ट्रहित को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि पिंगलि वेंकय्या जी ने करोड़ों भारतीयों की आशाओं,उमंगो और उनकी श्रद्धा को तीन रंगों में समाहित कर पूरे भारत को एकता के सूत्र में जोड़ने का काम किया, समग्र कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से पिंगली वैंकया जी को कोटि-कोटि नमन करता हूँ।

इस अवसर पर श्री अमित शाह ने पिंगलि वेंकय्या जी के परिवार के सदस्यों का सम्मान किया और उनकी स्मृति में एक डाक टिकट जारी किया। साथ ही गृह मंत्री ने हर घर तिरंगा थीम गीत को भी लॉन्च किया। गृह मंत्री ने कहा कि देश के युवाओं से कहना चाहता हूँ कि हर घर तिरंगा अभियान आपका अभियान है, यह महान भारत की रचना का एक बार फिर से शुभारम्भ करने वाला अभियान है, इस अभियान से जुड़कर अपने घर पर तिरंगा फहरायें और उसके साथ सेल्फी लेकर www.harghartiranga.com पर अपलोड करें।
मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद विश्व में तिरंगे का मान सम्मान बढ़ाने का काम किया है,आज किसी वैश्विक समस्या पर जब तक प्रधानमंत्री मोदी जी का विचार नहीं आता, दुनिया कभी भी समस्या पर अपना विचार तय नहीं करती। मोदी जी के नेतृत्व में ऐसे भारत की रचना हो रही है जो आत्मनिर्भर हो, जो अपने अतीत पर गौरव करता हो और भविष्य के लिए न केवल आश्वस्त हो बल्कि भविष्य की रूप रेखा देश के युवाओं में स्पष्ट हो। देश के हर युवा के मन में अगर राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत होती है तो वो राष्ट्र के लिए बहुत बड़ी शक्ति बनती है, जिससे राष्ट्र के विकास को नई ऊर्जा और गति मिलती है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज महान स्वतंत्रता सेनानी पिंगलि वेंकय्या जी की 146वीं जयंती है, जिन्होंने हमारी आन, बान, शान और देश के निशान तिरंगे को बनाया और लोगों के बीच प्रस्थापित कियाश्री शाह ने कहा कि इसी तिरंगे की कसम खाकर सीमा पर देश का जवान अपना सर्वस्व अर्पण कर देता है, इसी तिरंगे को देखकर देश के करोड़ों किसान पूरी दुनिया का पेट भरने के लिए पुरुषार्थ करते हैं और ये तिरंगा ही है जो देशवासियों के दिल में देश का निशान बनकर प्रस्थापित हुआ है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमें कभी भी तिरंगे की रचना की प्रक्रिया को नहीं भूलना चाहिए। अगर हम तिरंगे की रचना और फिर संविधान सभा द्वारा इसकी स्वीकृति की यात्रा को समझ लेते हैं तो पिंगलि वेंकय्या जी को याद किए बिना नहीं रह सकते। इस महान तेलुगु राष्ट्रसेवक और स्वतंत्रता सेनानी नने करोड़ों भारतीयों की आशाओं,उमंगो और उनकी श्रद्धा को तीन रंगों में समाहित कर पूरे भारत को एकता के सूत्र में जोड़ने का काम किया,समग्र कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से पिंगलि वेंकय्या जी को कोटि-कोटि नमन करता हूँ। उन्होंने कहा कि तिरंगे की अभिकल्पना करने वाले पिंगलि वेंकय्या जी ने गाँधी जी और लोकमान्य तिलक के सिद्धांतों पर चलकर बिना किसी स्वार्थ के एक मूक राष्ट्र सेवक की तरह अपना पूरा जीवन राष्ट्रहित को समर्पित किया। जब देश ने तिरंगे को स्वीकार किया तब यही तिरंगा हमारी देश की आन,बान और शान बना।
श्री अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रध्वज की यात्रा 7 अगस्त 1906 से शुरू हुई। 1921 में महात्मा गांधी ने श्री पिंगलि वेंकय्या जी को नया राष्ट्रध्वज डिजाइन करने का काम दिया। 29 दिसंबर 1943 को पोर्ट ब्लेयर में महान स्वतंत्र सेनानी नेताजी सुभाष बाबू ने तिरंगा फहराया था। उन्होंने कहा कि तिरंगे का भगवा रंग त्याग,बलिदान और शौर्य का प्रतीक है,हरा रंग समृद्धि का प्रतीक है,सफेद रंग शांति और एकता का प्रतीक है। बीच में धर्म चक्र की 24 कंडिकाएं भारत के एक होने का प्रतिक है। आज पूरी दुनिया भारत को और भारत के राष्ट्रध्वज को सम्मान के साथ देख रही है। उन्होंने कहा कि उस दिन की कल्पना कीजिए जब देश के 20 करोड़ घरों पर तिरंगा शान से लहरा रहा हो, यह कल्पना करते ही आज़ादी के अमृत महोत्सव का महत्व हमारे दिलोदिमाग़ में सजीव हो जाएगा।